उत्तराखंड बोर्ड के छात्रों के लिए आईआईटी की राह आसान

आईआईटी के महामुकाबले में प्रतिभाग करने जा रहे उत्तराखंड बोर्ड के दस हजार से ज्यादा छात्रों के लिए राहत भरी खबर है।

आईआईटी की ओर से की गई योग्यता संबंधी तब्दीलियों के बाद उत्तराखंड बोर्ड के छात्रों की राह सीबीएसई और आईएससी बोर्ड की तुलना में काफी आसान होगी। यह बात इसलिए भी अहम है कि उत्तराखंड बोर्ड में भी सीबीएसई पैटर्न ही लागू है।

आईआईटी में दाखिले के योग्य होंगे ये
पहले आईआईटी में दाखिले के लिए 12वीं में 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे। वर्ष 2013 में हर बोर्ड में टॉप 20 परसेंटाइल वाले छात्रों को ही आईआईटी में दाखिले के योग्य करार दिया गया।

अब वर्ष 2014 के लिए भी सभी बोर्ड का टॉप 20 परसेंटाइल क्राइटेरिया जारी किया गया है। यह क्राइटेरिया वर्ष 2013 की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम के आधार पर तय हुआ है। यहां उत्तराखंड बोर्ड के छात्रों के लिए राहत की बात यह है कि पिछले साल 57 प्रतिशत अंक वाले छात्रों को भी आईआईटी में दाखिला मिल गया था।

इस बार भी अंकों का क्राइटेरिया इसके करीब रहने की ही संभावना है। हालांकि, सीबीएसई और आईएससी बोर्ड के छात्रों को आईआईटी में दाखिले योग्य बनने के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी।

हालांकि वर्ष 2014 में बोर्ड में बैठने वाले छात्रों और उनकी प्रतिशतता के आधार पर परसेंटाइल में बदलाव संभव है, लेकिन आईआईटी ने यह सूची इसलिए जारी की है कि छात्रों को अपने अनुमानिक क्राइटेरिया की जानकारी रहे।

ऐसे तय होती है परसेंटाइल
किसी बोर्ड में बैठने वाले कुल छात्रों की संख्या में से एक घटाकर कुल संख्या से डिवाइड कर इसे 100 से गुणा किए जाने पर टॉपर छात्र की परसेंटाइल निकाली जाती है। मसलन किसी बोर्ड परीक्षा में एक लाख छात्र बैठते हैं।

इसमें से एक घटाकर उसे एक लाख से भाग देकर और 100 से गुणा करने पर टॉपर छात्र की परसेंटाइल आ जाएगी। हर अगले छात्र की परसेंटाइल के लिए यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। मसलन दूसरे छात्र के लिए एक लाख में से दो घटाकर, एक लाख से भाग देकर सौ से गुणा किया जाएगा। इस तरह टाप 20 परसेंटाइल तय की जाती है।

उत्तराखंड बोर्ड का छात्र यदि बोर्ड परीक्षा की तैयारियां ईजी वे में भी करे लेकिन आईआईटी पर फोकस रखे तो बोर्ड में कम बोर्ड अंकों के बावजूद आसानी से आईआईटी का टिकट पा सकता है।
– मनु पंत, सीईओ, अचीवर्ज क्लासेज

Related posts